बालक ही राष्ट्र के असली धन है वहीं भारत के भविष्य विश्व के गौरव और अपने माता-पिता की शान है और आगे चलकर उन्हीं के कंधों पर देश की स्वतंत्रता संस्कृति की रक्षा तथा उसकी पुष्टि का भार पड़ने वाला है बाल्यकाल के संस्कार एवं चरित्र निर्माण ही मनुष्य की भारी जीवन की आधारशिला ही है अतः देश के विद्यार्थियों में संस्कार सिंचन कर उनके विशेष को जागृत करने हेतु उन्नतीय श्री सियाराम यादव के सानिध्य में श्रीमती रामबेटी सियाराम इंटर कॉलेज दौलतपुर की स्थापना की गई है विद्यालय में छात्रों की शारीरिक की मानसिक, बौद्धिक , नैतिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों के विकास हेतु विभिन्न विषयों के मानक विशेष अध्यापक कार्यरत है क्योंकि शिक्षा क्षेत्र विविध प्रयोगों का क्षेत्र शिक्षा जगत के निव नए अनुसंधान पर आधारित नवीन प्रवितियो द्वारा शिक्षण की व्यवस्था की गई है